Monday, May 25, 2020

आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक पैकेज – Aatmanirbhar Bharat Abhiyan 2020 Complete Details

आत्मनिर्भर भारत अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इस बड़े राहत पैकेज से भारत में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर चीजों के लिए खुद पर निर्भर हो जाए. इस हिसाब से अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ / पिलर्स
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भव्य इमारत इन पांच Pillars पर खड़ी होगी:
  1. पहला पिलर इकॉनमी
  2. दूसरा पिलर Infrastructure – एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने
  3. तीसरा स्तंभ हमारा सिस्टम – एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाला होगा और साथ ही टेक्नोलॉजी ड्रिवेन व्यवस्थाओं पर आधारित होगा।
  4. चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी – दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी बहुत बड़ी ताकत है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।
  5. पांचवां स्तंभ डिमांड – हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन को पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
1. आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है?

आत्मनिर्भर भारत अभियान 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक नया अभियान है जिसके तहत कोविड-19 महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को हुये नुकसान से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है।
2. आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य क्या है?

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत देश को आत्मनिर्भर अथवा Self-Reliant बनाना है। आत्मनिर्भर बनाने का मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों का उत्पादन देश में ही हो और सभी भारतवासी अपने देश में बने या अपने देश की कंपनियों द्वारा बनाए गए सामान का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विदेशी उत्पादों / कंपनियों पर देश की निर्भरता को कम से कम करना है।
3. आत्मनिर्भर भारत अभियान के 5 पिलर कौन से हैं?
अर्थव्यवस्था (Economy), आधारिक संरचना (better Infrastructure), प्रणाली (System), जनसांख्यिकी (Demography) और मांग और आपूर्ति (Demand & Supply Chain) इस अभियान के 5 मुख्य पिलर हैं।
4. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार कितने रुपए की आर्थिक सहायता देगी?

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत सरकार 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद करेगी जो कि देश के लगभग 10% जीडीपी के बराबर है। मार्च 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी इस पैकेज का हिस्सा होगी।
5. आत्मनिर्भर भारत अभियान का फायदा किस किस को मिलेगा?
देश का प्रत्येक नागरिक – इस अभियान का फायदा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश में सभी तबके के लोगों और उद्योगों को मिलेगा चाहे वो गरीब हो या अमीर, किसान हो या नौकरी वाले, मजदूर हो या मालिक, छोटी कंपनी हो या फिर बड़ी।
6. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कौन कौन से क्षेत्र शामिल होंगे?
आत्मनिर्भर अभियान के तहत कृषि, खनन, मत्स्य पालन, निर्माण, विनिर्माण और उपयोगिताओं के साथ-साथ, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), कुटीर उद्योग, आदि जो दिन रात देश के लिए कार्य कर रहें हैं। सेवा क्षेत्र में खुदरा, पर्यटन, बैंकिंग, रियल एस्टेट, मनोरंजन, संचार, आतिथ्य और अवकाश, आईटी सेवाएं आदि शामिल की गई हैं।
7. आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए एक आम इंसान क्या कर सकता है? 
देश की आत्मनिर्भरता इस देश के नागरिकों के आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रकार के लोग चाहे वो दिहाड़ी मजदूर हो या फिर किसी कंपनी का मालिक, कोई छात्र हो या फिर किसान सभी अपना योगदान दे सकते हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबसे आसान काम जो सभी भारतवासी कर सकते हैं वो है के सभी स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें और स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार भी करें। विदेशी कंपनियों के सामान और सेवाओं पर अपनी निर्भरता कम से कम करें। अपने देश के कानून का पालन करके, भ्रष्टाचार रोककर और किसी भी प्रकार की कामचोरी ना करके भी हम सभी इस आत्मनिर्भर भारत अभियान में भागीदार बन सकते हैं।
पीएम मोदी ने सम्बोधन में यह भी कहा की जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं जिससे भारत की प्रशंसा लगभग हर देश में हुई। जिससे हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। उन्होने यह भी बताया की जब कोरोना संकट शुरु हुआ था तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी और ना ही एन-95 मास्क का भारत में उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE किट और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान में 20 लाख करोड़ के पैकेज की तुलना अगर अन्य देशों से करें तो यह जीडीपी के प्रतिशत के लिहाज से कम से कम छह देशों से ज्यादा है। ये देश हैं दक्षिण कोरिया, चीन, यूके, इटली, स्पेन और फ़्रांस यानि इन देशों ने अपनी जीडीपी का इतना हिस्सा COVID-19 से लड़ने के लिए अभी तक नहीं दिया। जबकि जर्मनी द्वारा घोषित पैकेज (जीडीपी का 10.7 प्रतिशत) भी लगभग भारत के बराबर ही है और स्वीडन (12%), अमेरिका (13%) और जापान (21.1%) सरकार द्वारा घोषित कोरोना पैकेज भारत की तुलना में ज्यादा है।

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